Khalish | ख़लिश

By:- Himanshu Pareek

हर कहानी में उतार चढ़ाव होते है। "ख़लिश" मान और यूरी के इन्ही उतार चढ़ावों की कहानी है। जिंदगी हर किसी को दूसरा मौक़ा नहीं देती पर मान और यूरी को यह मौक़ा मिला अपने दोस्तों की शादी में। "ख़लिश" हम सब के आस पास के टूटते और जुड़ते रिश्तों की कहानी है।

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किताब के बारे में

हर कहानी में उतार चढ़ाव होते है। "ख़लिश" मान और यूरी के इन्ही उतार चढ़ावों की कहानी है। जिंदगी हर किसी को दूसरा मौक़ा नहीं देती पर मान और यूरी को यह मौक़ा मिला अपने दोस्तों की शादी में। "ख़लिश" हम सब के आस पास के टूटते और जुड़ते रिश्तों की कहानी है।

लेखक के बारे में

हिमांशु पारीक ने फिजियोथेरेपी की पढ़ाई की है। साहित्य को पढ़ने की रुचि बचपन से ही रही और इस रुचि की प्रेरणा वे अपनी माँ अनीता परीक को मानते है।

"ख़लिश" लेखन का इनका पहला प्रयास है। यह मानते है की कहानियाँ हमारे इर्द गिर्द ही घूमती है बस हमें उन्हें शब्दों में गढ़ने की जरूरत है।



Product Detail

Language : Hindi

Publisher : Paper Towns

Binding : Paperback

Pages : 69

ISBN : 978-9361852459

Country Origin : India

Publish Date :

Blurb : हर कहानी में उतार चढ़ाव होते है। "ख़लिश" मान और यूरी के इन्ही उतार चढ़ावों की कहानी है। जिंदगी हर किसी को दूसरा मौक़ा नहीं देती पर मान और यूरी को यह मौक़ा मिला अपने दोस्तों की शादी में। "ख़लिश" हम सब के आस पास के टूटते और जुड़ते रिश्तों की कहानी है।


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