भव्याध्यनि अल्फाजों की मेरी स्वलिखित हिन्दी कविताओं के संग्रह के रूप में, यह मेरी पहली पुस्तक है। ये सिर्फ कविताएं नहीं अपितु बचपन से लेकर आज तक की मेरी भावनाऐं है जिन्हे में समय-समय पर शब्दों की माला में पिरोती रही है इस पुस्तक का नाम मेरी चार वर्षीय बेटी के नाम पर ह क्योंकि उसे देखकर ही मुझे प्रोत्साहन मिलता है, जिंदगी में कुछ कर गुजरने का । इस पुस्तक के माध्यम से मैंने प्रयतन किया है अपने विचारों को पाठकों तक पहुंचाने का आशा करती है की मेरी यह पुस्तक, सभी काव्य प्रेमियों के हृदय को स्पर्श करने में सफल होगी।
भव्याध्यनि अल्फाजों की मेरी स्वलिखित हिन्दी कविताओं के संग्रह के रूप में, यह मेरी पहली पुस्तक है। ये सिर्फ कविताएं नहीं अपितु बचपन से लेकर आज तक की मेरी भावनाऐं है जिन्हे में समय-समय पर शब्दों की माला में पिरोती रही है इस पुस्तक का नाम मेरी चार वर्षीय बेटी के नाम पर ह क्योंकि उसे देखकर ही मुझे प्रोत्साहन मिलता है, जिंदगी में कुछ कर गुजरने का । इस पुस्तक के माध्यम से मैंने प्रयतन किया है अपने विचारों को पाठकों तक पहुंचाने का आशा करती है की मेरी यह पुस्तक, सभी काव्य प्रेमियों के हृदय को स्पर्श करने में सफल होगी।
Language : Hindi
Publisher : Paper Towns
Binding : Paperback
Pages : 144
ISBN : 978-8119455331
Country Origin : India
Publish Date : 2023-10-25
Blurb :
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