श्रव्या - ध्वनि अलफ़ाज़ों की Shravya- Dhwani Alfazo Ki

By:- Rama Sharma

भव्याध्यनि अल्फाजों की मेरी स्वलिखित हिन्दी कविताओं के संग्रह के रूप में, यह मेरी पहली पुस्तक है। ये सिर्फ कविताएं नहीं अपितु बचपन से लेकर आज तक की मेरी भावनाऐं है जिन्हे में समय-समय पर शब्दों की माला में पिरोती रही है इस पुस्तक का नाम मेरी चार वर्षीय बेटी के नाम पर ह क्योंकि उसे देखकर ही मुझे प्रोत्साहन मिलता है, जिंदगी में कुछ कर गुजरने का । इस पुस्तक के माध्यम से मैंने प्रयतन किया है अपने विचारों को पाठकों तक पहुंचाने का आशा करती है की मेरी यह पुस्तक, सभी काव्य प्रेमियों के हृदय को स्पर्श करने में सफल होगी।

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भव्याध्यनि अल्फाजों की मेरी स्वलिखित हिन्दी कविताओं के संग्रह के रूप में, यह मेरी पहली पुस्तक है। ये सिर्फ कविताएं नहीं अपितु बचपन से लेकर आज तक की मेरी भावनाऐं है जिन्हे में समय-समय पर शब्दों की माला में पिरोती रही है इस पुस्तक का नाम मेरी चार वर्षीय बेटी के नाम पर ह क्योंकि उसे देखकर ही मुझे प्रोत्साहन मिलता है, जिंदगी में कुछ कर गुजरने का । इस पुस्तक के माध्यम से मैंने प्रयतन किया है अपने विचारों को पाठकों तक पहुंचाने का आशा करती है की मेरी यह पुस्तक, सभी काव्य प्रेमियों के हृदय को स्पर्श करने में सफल होगी।



Product Detail

Language : Hindi

Publisher : Paper Towns

Binding : Paperback

Pages : 144

ISBN : 978-8119455331

Country Origin : India

Publish Date : 2023-10-25

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Author Detail

Rama Sharma

रमा शर्मा एक बेटी, एक मां, एक पत्नी होने के साथ एक फौजी भी है और फुरसत के क्षणों में वे अपने भावों को कविता रुपी माला में पिरोती आई है रमा शर्मा का जन्म सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर शहर में हुआ, उनकी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई। अंग्रेजी साहित्य, अर्थशास्त्र एवम दर्शनशास्त्र से स्रातक करने के पश्चात 2012 में इनका चयन भारतीय सेना में हुआ। दस वर्ष की आयु में उन्हें अपनी कविता लिखने की कला का आभास हुआ। विद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर इन्होंने अनेकों वाद विवाद एवं कविता लेखन और वाचन प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की। • इन्होंने महाराष्ट्र की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर कविता लेखन तथा वाचन में प्रथम स्थान प्राप्त किया। कई यूनिट एवं कमान स्तर पर इनकी कविताओं को कई पुरुस्कार प्राप्त हुए और खूब सराहना बटोरी इनकी कविताएं कुछ कविता संग्रह एवं पत्तिकाओं में भी प्रकाशित हुई हैं। हाल ही में इन्हें जयपुर में विमेन अचीवर्स अवार्ड प्राप्त हुआ है व्यक्तिगत तौर पर यह एक नौसेना अधिकारी की जीवन संगिनी और 4 वर्षीय बेटी की मां है।






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