चलना है तो रुकना क्या अभी तो जान बाकी है जी लो तब तक खुशी से ज़िन्दगी की शाम बाकी है माना की राह पथरीली है अभी तो मुकाम बाकी है जी लो जी भर के दोस्तों होठों पे मुस्कान बाकी है पा लो जिसकी तुम्हें तलाश है अभी तो सांसों की डोर बाकी है|
Language : Hindi
Publisher : PaperTowns
Binding : Paperback
Pages : 96
ISBN : 978-9394670129
Country Origin : India
Publish Date : 2022-10-05
Blurb :
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