विश्वका यह शाश्वत नियम है कि इस संसार में पैदा हुए सम्पूर्ण प्राणी सुख-प्राप्ति एवं दुःख-निवृत्ति के लिए सदा-सर्वदा प्रयत्नशील रहते हैं। एतदर्थ शास्त्रकारोंने धर्मशास्त्रादिका अध्ययन कर सदाचारादि-पालन प्रभृति बहुत-से उपाय बतलाये हैं। डॉ. विनय कुमार, उप निदेशक, आदिवासी कल्याण, झारखण्ड के शोध-ग्रन्थ "विक्रमांकदेव चरितम् में वणित भारतवर्ष" का पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया है। ग्यारहवीं शताब्दी के कश्मीर के प्रसिद्ध कवि विल्हन विरचित काव्य "विक्रमांकदेव चरितम्" पर आधारित तत्कालीन भारतवर्ष की राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक जीवन का चित्रण प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक अत्यंत ज्ञानवर्द्धक एवं संग्रहणीय है।
Language : English
Publisher : PaperTowns
Binding : Paperback
Pages : 164
ISBN : 978-9391228835
Country Origin : India
Publish Date : 2021-01-01
Blurb :
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Etiam in volutpat turpis suscipit etiam. Etiam malesuada amet enim.